दिन के काम से तुम भाग रहे हो, लगता है रात बहुत जाग रहे हो! निशाना तो सही है तेरा गैरों पर, पर गोलियां अपनों पे दाग रहे हो! बज़्म खूब सजी है तेरी तक़रीर में, जुगनूं के भरोसे बुझा चराग़ रहे हो! पर्ण कुटिया में पनाह मिली है तुझे, हाथ दोस्ती का आग से मांग रहे हो! ©Harlal Mahato #SunSet #Life #Gaddari Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" indira