शहर है पर बियाबां है घर है पर उजड़ा आसमां है, जाने कहाँ ठिकाना ढूंढू मैं हर जगह गम का धुँआ हीं धुँआ है। ✍टोपाज अभिजीत #topaz shayri # Abhijeet shayri #topaz abhijeet