बहुत आसान होता है सामने वाले पर बस इल्जाम लगा देना... अब लगाए ही है तो...मान लेते हैं.... क्यों की जब इल्जाम ही है तो गुनहगार तो आपकी नजरों में हम पहले से होंगे ही... बात तो सही है... अब हम नही बात करेंगे... वैसे भी क्या बात करेंगे... न नोट्स भेजने का बहाना होगा... न कॉलेज के किसी बात को बताना होगा... न कोई internal exam आयेगा... न फॉर्म fill up करना होगा... हैं बस आप कभी फुर्सत में status में कोई poetry पढ़के तारीफ कर दीजियेगा... और हम thank you बोल लिया करेंगे... और बस जिंदगी चलती रहेगी... इस इल्जाम के बाद भी... हां साथी होंगे हमेशा... भले नही होंगे कभी साथ भी... क्यों की मेरी कलम के नाम में तो होंगे आप हमेशा साथ ही... इस कलम से अगर कभी कुछ होगा न... तो उस रोज आप कितने ही दूर होंगे भले पर हमको पता है होंगे आप मेरे सबसे पास ही... और कुछ नही भी होगा तो स्नेह के साथी तो है ही... लिखते रहेंगे ऐसे ही कविताएं और आप करते रहिएगा कभी कभी तारीफ जब अच्छी न भी लगे पढ़ने में की हो जाए इसी बहाने आपकी साथी से थोड़ी सी बात ही... हम तो दो महीने पहले से ही बोल रहे हैं... की अब ज्यादा दिन नहीं झेलना है आपको... हमको... तो बस और एक महीना अब finally... #स्नेह_के_साथी #साथी #seemuneha #foreverfriends #mywritingmywords #mywritingmythoughts #साथीforever