दर्द में भी हस्ते हो तुम बिखर कर कैसे सिमटते हो तुम टूटे हुए सपने अपने पास रोज़ सुलाते हो तुम सुबह तन्हाई को साथ लेकर जाते हो तुम मां की याद में आंसू बहाते हो तुम बाप की याद में मर जाते हो तुम इतना सब कुछ है तुम्हारे पास मै क्यूं सोचता था गरीब हो तुम दिल तोडने का इलज़ाम है तुम पर पर मेरे हिसाब से बेकसूर हो तुम ये दुनिया वाले तुम्हे जो मर्जी कहे पर गौरव अपने आप में मशहूर हो तुम GauRav mehTa✍️ GauRav mashoor ho tum