लव अंधरों से लगाइये,, इन उजालों से कुछ नही मिलता कहां जाये ,,,किस्से कहे ,,, कौन देगा ,,,हमे इन्साफ़ अब तो इन आदालतों से भी हमें इन्साफ़ नही मिलता "मै एक दम नंगी थी .मेरी चारो तरफ मेरे परिवार वालो की लाशे बिखरी पड़ी थी .पहले तो मैं डर गई. अपने चारों तरफ देखा .मैं कोई कपड़ा ढूंढ रही थी ताके मैं पहन सकू .आखिर मुझे मेरे पेटीकोट मिला उसे अपना बदन ढ़की और पहाड़ो में जा कर चुप गई ." ये दर्द 19 साल की बिलकिस का है जिसका गैंग रेप 2002 के दंगों में हुआ था.उसकी गोद मे तीन साल की बच्ची थी और पाँच साल के पेट मे बच्चा था .उसकी बच्ची को उसके सामने पिट -पिट कर मार डाला गया और 11 लोगों ने बारी बारी से उसके रेप किया बेहोश हुई तो मरा समझ के छोड़ दिया गया .उठ