इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं, शहर के लोगों को यह भी नहीं पता होता है कि सोते कब हैं और जागते कब हैं दिन और रात का इन्हें फर्क पता नहीं होता है फिर भी कहने वाले लोग कहते हैं कि शहर गांव से अच्छा होता हैजो कि हमारे गांव में सूर्य अस्त होने के बाद सभी लोग अपने अपने दरवाजे पर बैठे हुए नजर आएंगे रात को टाइम से सोना सुबह टाइम से जगना दिन और रात क्या होता है यह गांव वालों को अच्छी तरह से पता होता है फिर लोग यह क्यों कहते हैं कि गांव साला अच्छा नहीं होता है ©यादव #JavedAkhtarLines