अकेली हूं तन्हा अलमारी के कोने में ऊपरी शेल्फ का यूं घूरना असहज करता है मुझे मन अशांत है भविष्य को ले कर आठवीं कक्षा के दो हफ्ते रह गए ले दे कर अंदर से कैसी हूं किसी को परवाह नहीं टॉर्च वाले हेलमेट काले - सफेद कोट की इस दुनिया में बेच देंगे मेरा जिस्म चंद सिक्के ले कर जिस्म का सौदागर वो तराजू तौल पाएगा मेरी रूह को ? मेेैं कौन? हा हा हा! मैं किताब धर्म शिक्षा की किताब मेरा वजूद? मेरा महत्व? अपने ही मुल्क में रेफ्यूजी सा। - अभिमन्यु कमलेश राणा अकेली हूं तन्हा अलमारी के कोने में ऊपरी शेल्फ का यूं घूरना असहज करता है मुझे मन अशांत है भविष्य को ले कर आठवीं कक्षा के दो हफ्ते रह गए