सवालों के आगे मैं एक अकेला जवाब था। कोई था जो मेरी ज़िन्दगी की किताब था। यूं तो कई लोग मिले मुझे राहों में लेकिन। वो उन सबसे अलग बहुत ही लाजवाब था।। उसके अल्फाज़ो को संभाल कर रखा है। हर एक जख्म पर पर्दा डाल कर रखा है। कहीं आ जाये नज़र तो रास्ता बदल लेते है। एक ज़माने में हमें उनसे प्यार बेहिसाब था।। बिना सोए कई तन्हा रातें बिताई है मैंने। उसके लिए अपनी हस्ती भी मिटाई है मैंने। लोगों ने हर कदम पर बहुत परखा है मुझे। कांटो से घिरा हुआ मैं भी एक गुलाब था।। मैं भी उसे अपना दिल समझता था। उसे अपने प्यार के काबिल समझता था। एक चाहत थी उसे हमसफ़र बनाने की। ये मेरी आँखों का एक छोटा सा ख़्वाब था।। #Last_words