कब से छुपाए बैठी थी इन गम_ए_एहसासों को वरना मैं भी मोहताज ना थी, यू गम_ए_बयान करने को तू पढ़ ले मेरे #अल्फ़ाज़ों को तेरे लिए ही तो #लिखता हूं वरना शौक नहीं मुझे ख़ुद के #घाव पर नमक छिड़कने का #yqquotes #sumitchoudharyquote #lovequote #YourQuoteAndMine Collaborating with sumit choudhary