दोस्ती का अंदाज अलग होता है, दोस्ती का आगाज़ अलग होता है। हर रिश्तों से अलग, हर जाति से अलग, हर धर्म से अलग, हर रिवाज से अलग, अपना तो परवाज़ अलग होता है। दोस्ती का अंदाज अलग होता है, दोस्ती का आगाज़ अलग होता है। जहां किसी बात की फ़िक्र नहीं, तू कहां से है कोई जिक्र नहीं, जहां जाति धर्म का फ़िक्र नहीं, दोस्ती का महक कैसा भी हो उसका कोई इत्र नहीं, क्योंकि दोस्ती का हर साज अलग होता है। दोस्ती का अंदाज अलग होता है, दोस्ती का आगाज़ अलग होता है। ~शुभम् कुमार दुबे #secondquote #दोस्ती #friendship #shivamdubey #shubhamdubey