झूठा मुखौटा लोग अक्सर लोगों को सीढ़ी समझ बैठते है, खुश होते है अक्सर अपना उल्लू तेज कर, गिरगिट भी थक जाए जितने लोग रंग बदलते है, हैरानियत है यहां मुखौटे पर मुखौटा देख कर। सामने तारीफों के पुल अनकहे बांध देते है, फिर हाथ सेकते है आपस में भिड़ा कर, पल में शोला और पल में शबनम दिखाई देते है, मासूमियत सा चेहरा दिखाते है बदसूरती छिपा कर। माना उन्नति के लिए जंग अच्छी है, पर खुद से, दूसरों के अशक्तता पर तो कुत्ते भी राज करते है, दुर्बलों पर शाशन कहां इंसानियत सिखाता है, यहां लोग सब एक रंग में ही आगाज़ करते है। हा मैं भी शामिल हो गया इनकी भेड़चाल में, शक्लों पर मोटी परत जमा रखी है, पर मन साफ है अपना यहां हर हाल में, पर आज भी नीयत पूरी तरह से जख्मी है। झूठा मुखौटा #yqdidi #yqbaba #yqdidhindi #yqdidchallenge #yqmdwriter #yqmdwriting #yqquotes #yqhindi