आज फिर से अकेला पड़ गया हूं आज फिर जरूरत है तुम्हारी जहां से दो पगडंडियां जाती थी अचानक तुम मुझ से दूर एक नई पगडंडी पकड़ कर कहीं दूर निकल चुके हो मैन देखा अपने चारो ओर लगा जैसे किसी बुरे स्वप्न से नींद खुल गयी हो जैसे मैंने आवाज भी देनी चाही पर,उस नई पगडंडी को पकड़े कहीं दूर निकल चुके थे तुम धीरे धीरे आँखों से दूर हो रहे थे तुम और मैं वहीं दो मुहे रास्ते पे बैठा तुम्हारा इंतजार करता रहा हूं अब तक #कहानी #पगडंडी #अकेला #yqdidi #yqquotes #यकहिन्दी #yqquotes