कुछ नहीं होता,सच में कुछ नहीं होता दुआएं कुबूल नहीं होतीं,अँधेरा दूर नहीं होता टुकड़ों-टुकड़ों में सबको यहाँ जीना पड़ता है कोशिशें ख़त्म नहीं होतीं,सच मशहूर नहीं होता दिल में किसके क्या है,ये किसी को नहीं पता है धागे ही उलझते हैं अक्सर गाँठों का कुसूर नहीं होता साँसों की तरह शायद,अब वफ़ा हो गई है आती-जाती है रहती,हकीकत से खफ़ा हो गई है जिस डोर से हम बँधे हैं,वो कच्चे धागों से बनी है सिर्फ चेहरे की मासूमियत से कोई बेकुसूर नहीं होता दुनिया में आज़मा रहे हैं,किस्मत को अपनी हम दोनों अगर ईमान से किस्मत बदलती तो सच मजबूर नहीं होता... © trehan abhishek #कुछनहींहोता #सच #झूठ #कोशिशें #मजबूर #manawoawaratha #yqdidi #yqbaba