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मुझको मेरी कमी खलती है मेरे वजूद मे मेरी ही शख्सिय

मुझको मेरी कमी खलती है
मेरे वजूद मे मेरी ही शख्सियत ना कहीं मिलती है
मै जो थी कहीं खो गई ,खुद से ही जुदा हो गई
मुझे मेरी ही कमी खलती है
खुद की ही तलाश में खोया है मन,बेरंग सा ये जीवन
खुद बिन खलता ये सूनापन
अपनो को खुश रखते रखते ,खुद ही खो गई
अपनो की भीड़ में तन्हा ,अकेली हो गई
मुझे मेरी कमी बड़ी खलती,मुझमें मै ही कहीं नहीं मिलती है

©kavya soni #Poetry_month  #SAD #Mujhe meri hi #kami #Khalti hai शिवोम Sagar Balwinder Pal The Janu Show Anudeep Anshu writer RUPENDRA SAHU "रूप"
sujalsoni4767

kavya soni

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#Poetry_month #SAD #Mujhe meri hi #kami #Khalti hai शिवोम Sagar Balwinder Pal The Janu Show Anudeep Anshu writer RUPENDRA SAHU "रूप"

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