बिछड़ रहे हो धीमे-धीमे यारों जानता हूँ, मगर दिख जाओगे कभी अनजाने से वक्त तो रुकेगी नहीं गुजर जायेगी, चलो न यारों मिलते हैं'चाय'के बहाने से| ©Saurav Das #बिछड़ #दिख #अनजाने #वक्त #गुजर #चाय #बहाने #नोजोतोहिन्दी