#OpenPoetry रूठे हुए अपनों को मना लूंगा एक दिन दिल का घर फिर से बसा लूंगा एक दिन लगने लगे जहाँ से हर मंज़र मेरा मुझे ख़्वाबों का वो जहान बना लूंगा एक दिन अभी तो शुरुआत हुई है इस सफ़र की बेरंग ज़िन्दगी में रंग सजा लूंगा एक दिन । #mypath