सावरकर को गाली देते, बौनी सोच रखने वाले, रावण बन कर घूम रहे, राम नाम जपने वाले, काल से उनको भय भी नहीं है, लूट रहे हैं जनता को, पत्रिकारिता बड़ी कर रही, अल्प सोच की सत्ता को, जनता के कार्यों को समझ रहे हैं भार, कुछ भी पूंछो, एक ही उत्तर पूर्वज जिम्मेदार। स्वच्छ मिशन के साथ रे भैया, हृदय स्वच्छ रखना होगा, महादेव के असली रूप को, एक दक्ष रखना होगा, राजनीति में राज जगा है, नीति नहीं अब बाकी है, किसान की मेहनत सरकारों ने, नोटों से अब आंकी है, नेता जेल में मसाज करा रहे, हद हो गई है पार, कुछ भी पूंछो, एक ही उत्तर पूर्वज जिम्मेदार। ©सुन्दरम दुबे #Politics #Nojoto #Poetry #poetry_by_sundram #Politics