लुट जाता है सब्र मे, नींद,खुशी,चैन वैन सबकुछ फिर भी कूछ रिश्ते नहीं बनते.. चिंगारी देहकती रेहती ताउम्र दीलों मे, दिल वालोंके दिल ऐसेही नहीं जलते.. ओर जीन्हे समझ में आया इश्क, नासमझ है वो.. समझदार लोग इश्क, मोहब्बत जैसी बाते नहीं करते.. ©Rushikesh Patil😊 # Rahat Indori #Shayari