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कद्र ख़ुद की कर औरो की कद्रदानी कर गऱ ठोकर खाऊँ

 कद्र ख़ुद की कर औरो की कद्रदानी कर
गऱ ठोकर खाऊँ मैं कभी, 
संभाल लो मुझे ऐसी निगहेबानी कर।
छोटी सी आरज़ू है,
गुज़ारिश है, फ़क़त इतनी मेहरबानी कर।
स्याह अँधेरी रातो में,
आकर तू,मेरी रौशन चऱागदानी कर।
महक उठूँ मैं भी, पाकर तुझे,
मेरे दिन ग़ुलाब हो, रातों को रातरानी कर। 'मेहरबानी कर'

मेरे दोस्त मुझ पर इतनी मेहरबानी कर 

आगे की कहानी आप लिखें
Collab करें YQ Bhaijan के साथ।

#mehrbanikar
 कद्र ख़ुद की कर औरो की कद्रदानी कर
गऱ ठोकर खाऊँ मैं कभी, 
संभाल लो मुझे ऐसी निगहेबानी कर।
छोटी सी आरज़ू है,
गुज़ारिश है, फ़क़त इतनी मेहरबानी कर।
स्याह अँधेरी रातो में,
आकर तू,मेरी रौशन चऱागदानी कर।
महक उठूँ मैं भी, पाकर तुझे,
मेरे दिन ग़ुलाब हो, रातों को रातरानी कर। 'मेहरबानी कर'

मेरे दोस्त मुझ पर इतनी मेहरबानी कर 

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#mehrbanikar
anitasaini9794

Anita Saini

Bronze Star
New Creator