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कोई मिलने को तरसता है। किसी से मिलने को तरसते है।

कोई मिलने को तरसता है।
किसी से मिलने को तरसते है।
आंखो मे अब कोई और ख्वाब नहीं।
बस तुमको पाने के वसवसे है।

दिल से हंसे हुए कई अरसे हुए।
अब जो हंसी दिखती है चेहरे पर वो बस दिखावे के कहकहे है।
और जिंदगी तुम्हारे बगैर कुछ ऐसी हो गई है।
जैसे ट्रेन स्टेशन से छूटने को है, और हम जाम में फंसे है। वसवसे= सनक 
कहकहे =जोर से हंसना
कोई मिलने को तरसता है।
किसी से मिलने को तरसते है।
आंखो मे अब कोई और ख्वाब नहीं।
बस तुमको पाने के वसवसे है।

दिल से हंसे हुए कई अरसे हुए।
अब जो हंसी दिखती है चेहरे पर वो बस दिखावे के कहकहे है।
और जिंदगी तुम्हारे बगैर कुछ ऐसी हो गई है।
जैसे ट्रेन स्टेशन से छूटने को है, और हम जाम में फंसे है। वसवसे= सनक 
कहकहे =जोर से हंसना