तुम्हारे भी गम से तो बाहर आएंगे कभी तुम्हारे बाद भी तो मुस्कुराएंगे कभी उम्मीद पर ही इश्क जिंदा है मेरी जान हम तेरा बंद नंबर भी लगाएंगे कभी ये गुमनाम इश्क उम्रभर थोड़ी चलेगा बताने लायक होकर दुनिया को बताएंगे कभी एक लड़की जिससे सीरियल में भी हीरो का दुख नही देखा जाता ऐसी लड़की के आशिक उसे चाहकर भी नही भुला पाएंगे कभी अभी जब कभी ड र लगता जुनून से चूम माथे को तेरे सोचकर तरस आता है खुद पर की तुम्हे छूने में भी हाथ कंपकपाएंगे कभी हमे इन बुरे दिनों में रुलाने वालो से कहना दिनों का क्या हैं हमारे भी आयेंगे कभी ©anushka pandit...😘 my poem #Red