टुटने लगीं थी हर वक़्त सांस की डोरी फिर भी तुमने जोड़ने की कोशिश न की, सोचतीं हूँ कि क्या कमी रह गई क्या जितना था काफी न था। ✍neeta✍ #tumane bhi kosis na ki