#लम्हा_लम्हा गुज़रा वक़्त है, गुज़रे दिन और रात है.! तुम न आए याद तेरी, कर रही बेचैन है.! जाने कितने वक़्त गुज़रे, गुज़रे कितने साल है.! आज भी ज़ेहन में तुम हो, तेरी ही बस याद है.! लौटकर आओगे तुम या, यूं ही गुज़र जाएंगे.! अब तेरे दीदार की, उम्मीद की बस चाह है.! #अजय57 #लम्हा_लम्हा