आज वक्त कुछ थमा थमा सा लगता है.. आज फिर कुछ खोया खोया सा लगता है..! रातों में दुर कहीं तन्हाईयों में दबे हुए रहते थे जो.. वो आज कुछ आज़ाद परिंदे सा लगता है..! आज वक़्त कुछ थमा थमा सा लागता है..!! ~अखंड #वक्त_का_खेल