यादों की धुंध में से ढूंढ़ लाता हूँ तुम्हे, हर शाम कुछ इस तरह बिखर जाता हूँ मैं... यादों की धुँध छाई रहती है मन पर हर समय बाहर का मौसम कैसा भी हो चेहरा कोई साफ़ दिखाई नहीं देता यादों की #धुँध में आप क्या ढूँढ रहे हैं #collab करें #yqdidi के साथ। ... योरकोट की अनोखी पहल - Writer's Helpline में अपना slot बुक कराने के लिए बायो में दिए गए लिंक पर क्लिक करें।