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शबनमी रात में चाँद सा चेहरा तेरा और तू शरमाई सदियो

शबनमी रात में चाँद सा चेहरा तेरा और तू शरमाई
सदियों बाद  विसाले रात आयी जब तू पास आई।
जिन्दगी की हर  शामों सहर में तू हरदम मेरे साथ। 
मिल  ही गए तुम जब राहें वफ़ा में मिट गयी तनहाई।
दिल से दिल मिल ही गए है और  मिली  रूह से रूह।
अफसाना कोई भुला न पाए बढ़ी प्यार की गहराई।
इस धरती से उस अम्बर तक केवल अपनी उल्फत।
विसाले रात आयी जब तू मुसकुरायी तब बजने लगी शहनाई।
शायर :- शैलेन्द्र सिंह यादव
 #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी विसाले रात आयी।
शबनमी रात में चाँद सा चेहरा तेरा और तू शरमाई
सदियों बाद  विसाले रात आयी जब तू पास आई।
जिन्दगी की हर  शामों सहर में तू हरदम मेरे साथ। 
मिल  ही गए तुम जब राहें वफ़ा में मिट गयी तनहाई।
दिल से दिल मिल ही गए है और  मिली  रूह से रूह।
अफसाना कोई भुला न पाए बढ़ी प्यार की गहराई।
इस धरती से उस अम्बर तक केवल अपनी उल्फत।
विसाले रात आयी जब तू मुसकुरायी तब बजने लगी शहनाई।
शायर :- शैलेन्द्र सिंह यादव
 #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी विसाले रात आयी।