तू ख़्वाब है लाज़बाब है जो भी है वो बेहिसाब है। किसी दिल की दरिया में छुपा हुआ हीरा नायाब है। इन होठों की परछाई से जो इतना सुर्ख ग़ुलाब है। छू सकता वो ही इनको जिसे पूरा मिला सबाब है। अज़ाब भी महसूस होते जैसे बजता कोई रवाब है। तेरी यादों से दिलबाग हूँ या सात समंदर पायाब है। — % & #shamaurtanhai #47/365 #365days365quotes #payab #azab #khwab #gulab #lazabab