याद है वो सारी खट्टी मीठी यादें,वो पुराने दिन ।वो गुदगुदाते लम्हें,जब हम सब बेफिक्रे हो मौज उड़ाते थे।गरमी की तपती दोपहरियों में कभी आम के बगीचोंमें तो कभी घरों में मस्तियां लुटाते थे। अब जीवन की आपाधापी में वो हसीं पल याद आते हैं।जानते तो थे कि हम अलग हैं ,पर मन से एक दूसरे को एक ही मानते थे। काश वो समय फिर लौट आता ,हम सब फिर से निश्छल जीवन जीते। एक दूसरे के गले में गले ,हाथों में हाथ डाले जीवन को जीवन्त कर लेते। जीवन को जीवन्त कर लेते। ©Alpita MishraSiwan Bihar #DearCousine Praveen Storyteller Bhawana Negi