वह रे इंसान आज अपनी घरवाली को कितना भला बुरा कहते हो, ना जाने कितनी गालीयां और जली कटी बातें सुनाते हो ।। ये क्यों भूल जाते हो तुम , बेटी तुम्हरी भी कल किसी की घरवाली बनेगी ,खुदा न करे सुनने पड़े उसे भी इतने बातें और गालीयां।। खुद को माफ़ नही कर पाओगे उस दिन जब याद आये गी तुम्हे वो दिन , जब तुमने भी किसी की बेटी के साथ ऐसा ही कुछ किया था ।। एक सच्चाई लिखने की कोसिस ।।