#OpenPoetry जब वास्ता ही नहीं रहा किसी मोड़ से तो क्या फर्क पड़ता है हम जाए ना जाए उस ओर से शायद वो अपनी उंगलियों को एक के ऊपर एक दबाकर तुमने कसमें खाई थी अगर ऐसा नहीं है तो सच सच बताना साथ में हाजमोले की गोली तो नहीं लाई थी हां अब तुम्हारी तरह ही इन रिश्तो को मजाक समझने लग गया हूं मैं दोस्ती प्यार कसमे वादे इन सबको बेवजह फरेब समझने लग गया हूं मैं जब वास्ता ही नहीं रहा किसी मोड़ से तो क्या फर्क पड़ता है हम जाए ना जाए उस ओर से #Kya_Bolti_Hai_public #Zindagi_mazak_hai? #Jeene_Ke_liye_majak_bhi_ #jaruri_hai.😄🤡🤫 #motivatedthoughts #poetry #bepositive #alwaysbeGuru.🖤