तुम आ जाना ठीक तब जब मैं आग के गर्म और पानी के पारदर्शी होने पर यकीन करना भूलने लगूँ : आ जाना जब मैं टूटते बिखरते जीते चले जाने को ही मान लूँ जीवन तब जब किसी तारीख को छूते काँप न जाए मन भींग न जाए आँख कोरे मन से सोख लिया गया हो बचा प्यार इंतजार...! :💕👨🍉🍉💕☕🍨🍨 तापमान बहुत बढ़ गया है 48.04 डिग्री ! कूलर फ़ैल है ! इन पंक्तियो से थोड़ी तरावट लेते हैं आओ ! 😊💐💕🌷🍉🍉🍉🐒 : आ जाना कि लंबी सड़कों की देह से उतार लिए गए कपड़ों सी आहट ! पेड़ की हरी टूटी डाली पर शोक मनाती गौरय्या