मुद्दतों बाद दिल में इश्क़ वाली भावना भड़की मेरी बाइक की पिछली सीट पर बैठी जो इक लड़की उसके दरवाज़े-दिल पे दस्तकें देता रहा मैं पर उसने खोली नहीं उम्मीद-ए-वफ़ा की कोई खिड़की --प्रशान्त मिश्रा मेरी बाइक की पिछली सीट पे