घर लौट आओ (कविता) तुम्हारा साथ पाने के लिए हमने अपने हर रिश्ते को दांँव पर लगा दिया, तुमने हमारे यकीन पर यकीन ना करके हमारे यकीन को झुठला दिया। जमाने ने हमारे बीच की गलतफहमियों का फायदा उठाकर दरारें डाल दीं, तुमने हम पर यकीन न किया जमाने की बातों में आकर रिश्ता तोड़ दिया। घर लौट आओ हमारा दिल आज भी तुम्हारा ही बेसब्री से इंतजार करता है चाहता है बस तुमको ही और तुमको ही दिल-ओ-जान से प्यार करता है। अब लौट कर आना तो फिर वापस कभी दोबारा कहीं छोड़कर मत जाना, ना किसी और से दिल लगाना, ना कभी भी जमाने की बातों में तुम आना। जिंदगी को बस प्यार से सजाना कोई गिला शिकवा हो तो हमसे ही करना, जमाने की बातों में अब ना आना बस एक दूसरे पर ही हमेशा यकीन करना। #कोराकागज #collabwithकोराकागज #KKPC15 #विशेषप्रतियोगिता