सागर सब सुनकर साथ समेट लेता, समय के साथ खेलता, सिलवटे लेकर मचलता रहता, सत्य को नहीं भुलाता, सिर्फ चलता जाता, सुबह शाम सँवारता। #sea #sagar #poem #laughinhsoul