आज फिर एक कलाकार कला से जुदा हो गया बड़ी ख्वाहिशें लिए वह कफ़न में सो गया यूं उसका असमय जाना रास ना आया किसी को पर ऐसा लगा मानो फ़न का एक देवता हमसे रूठ गया... शायद मां की जुदाई सह नहीं पाया और मां के पीछे पीछे उसी का हो गया.। आज फिर एक कलाकार कला से जुदा हो गया बड़ी ख्वाहिशें लिए वह कफ़न में सो गया irfan khan