ओ बाबुल मेरेया, रब ने ऐ की खेड जे बनाया..... धीयां नूँ अपणे ही घर विच्च ,बेगाना जे बणाया...... बाबुल सब किछ छुट्या मेरा प्यार वी इत्थे ही रेह गया तेरा... इट्टा रस्ता रोकदीयाँ,गली दियां तेरीयां..... वीर ने पुटा के,विदाईयाँ कर दितियाँ मेरियाँ..... मेरी गुड्डियां ते संगी सहेलियाँ ओ झुल्ल्ले ते ओ कीकलियाँ.. अम्बे दियां ओ खट्टी खट्टी बाकड़ियां ओ मामियाँ ते भुआ, मासियाँ मेरियाँ.... सब नूँ पिच्छे छड़ के अज मैं डोली चढ़ियाँ.... कौण पूछेगा हुन्न रोटी अम्मडी नूँ मेरी नसिबां दा लिखेया झोली च भर ले चलियाँ.... वीरे नूँ अपने लख लख दुवावां दे के टूर पई आँ देस पराये.... बागणेयां नाल डोर बन्द के बगानी मैं हो चल्ली याँ... #विदाई