बड़े दिनों बाद आज चांद फिरसे हसीन हुआ है, मेरे दिल की आरज़ू जो थी अब खड़ी है सामने। अल्फ़ाज़ इश्क़ के कुछ यूँ बयाँ करदिये उसने मुझे, ख्वाबों को हक़ीक़त हो देख चकाचौंध सा था में खूबसूरती का ये दिलकश नजारा हमारे आंगन कैसे!? बेखबर थी में, आज मेरा भी ख़्वाब मुक़म्मल हुआ है, मेरा दिलबर कोई और न था, सिर्फ तूं ही है अब सामने अब बाहों में आ वाहिद, इन लबो से हाँसिल कर मुझे, चाह कर तुम्हे इस जन्नत का जहांगीर बन गया में इश्क़ की बातें, राते और कुछ मुलाकाते होती है ऐसे। #चाँद #इश्क़ #दिल #ख़्वाब #दिलबर #जन्नत #लबनोशी #हिंदी