सोचता हु कभी एक सुबह ऐसी हो...पर कुछ खास हो उस सुबह की धूप का.. कोई नाम न हो हल्की धुंधली ही सही...पर हर जगह समान हो हर रूप, हर रंग, हर वर्ग, हर इंसान मे...कोई भेद न हो उस सुबह, सारी हवाएं ताजी हो हर दिल मे सादगी हो खुशी हो, सुकून हो...उम्मीद हो कोई शुरुआत नही, कोई अन्त नही सच मानो तो... यह छोर न हो कोई पहर, कोई शाम, कोई रात नही हां... ये आसमां हो पर, चांद न हो इस, उस लम्हे की बेनामी दुनिया मे सिर्फ खुशी, और हसी, और मुस्कुराता हुआ.... हर इंसान हो। बेतुके..... ख्वाब, अच्छा है बेपंख ही, उड़ने की आजादी है। #yqbaba #yqdidi #visionarywings