सुबह की पहली किरण चिड़ियों की चहचहाना बारिशों की छीटें और उस वक़्त की चाय दोपहर की आग सी धूप दूर तक जाती हुई सड़क शाम की पुरवाई रात में मुस्कुराता चाँद और सितारों की मेला वो पहला ख़त मुस्कुराता हुआ चेहरा मुझे देखती दो आँखें दोस्तों का बुलाना इशारों में समझाना उस खिड़की की यादें जीवित है अब तक ©Prabhakar Prabhu #prabhakar_prabhu #Trending #window #Nozoto #poem #poetery #kavita #brokenwindow