बैठे रहे हम महफ़िल में इसी आस में कि नाम हमारा भी ले लोगे तुम अपने किसी खास में खैर जाने दो अब फर्क नहीं पड़ता इन बातों से अब तो नफ़रत सी हो गई है ऐसी रातों से Senorita.. ©sonali saini 10:04pm #Rose