.. वक़्त बाख़बर बेश्क़ मगर सबर पे ही आस उतरा, मचले फिसलें तन धड़कन सांसें उम्र सुने भला-बुरा..! ..🌱खुशामदीद..💞 (२०१८ के १नवंबर की लिखी)