Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरे महबूब ने दरबार सजाया है, बीते दिनों को फिर य

मेरे महबूब ने दरबार सजाया है,

बीते दिनों को फिर याद दिलाया है,

थामे रहना इसी कदर, मेरे हाथों को,

ये कह कर पता नही वो, क्यू मुस्कुराया है,

#_अल्फ़ाज़_# #दरबार
मेरे महबूब ने दरबार सजाया है,

बीते दिनों को फिर याद दिलाया है,

थामे रहना इसी कदर, मेरे हाथों को,

ये कह कर पता नही वो, क्यू मुस्कुराया है,

#_अल्फ़ाज़_# #दरबार