साधु का मन नहीं दुखा,नहीं करो तुम पाप। सेवा कर के साधु का,पुण्य कमाओ आप।। बिना सेवा पुण्य नहीं, नहीं मिले भगवान। पाप मिटाता पूण्य को, बन जाते शैतान।। घर में चूल्ह नहीं जले, ढ़ेरो खर पतवार। भूख पेट की कब मिटे,भूख लगे हर बार।। (दोहा) #साधु का #मन नहीं #दुखा,नहीं करो तुम #पाप। #सेवा कर के साधु का,#पुण्य कमाओ आप।। बिना सेवा पुण्य नहीं, नहीं मिले #भगवान। पाप मिटाता पूण्य को, बन जाते #शैतान।।