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टूटे ख़्वाब तब जाकर ए एहसास हुआ, कागज़ की नाव थी,जिस

टूटे ख़्वाब तब जाकर ए एहसास हुआ,
कागज़ की नाव थी,जिसे लहरों पर चलाना चाहा| भेजने का समय कल शाम 6 बजे तक।
परिणाम की घोषणा कल रात 8 बजे तक।

सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ 

शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ।

1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें।
टूटे ख़्वाब तब जाकर ए एहसास हुआ,
कागज़ की नाव थी,जिसे लहरों पर चलाना चाहा| भेजने का समय कल शाम 6 बजे तक।
परिणाम की घोषणा कल रात 8 बजे तक।

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1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें।