करती कीर्तन कथवन से, जस भींजे नयन समर्पण से । हर क़तरा पूछे भगवन से, तव दीप्ति आतम मनु कहाँ ।। प्रीति कनक प्रियतम क्षण क्षण, रख चरण शीश दोहन वासन । स्थूल सूक्ष्म केवल हँसन, भगवन बोले है दीप्ति यहाँ ।। #क़तरा #yqdidichallenge #yqdidi #essentiallydeep #oneness_of_souls deepti #enlightenment #हिंदी_कविता #alokstates