जो कुछ नहिं जानतें वो भी सिखाते हैं तो फिर भी मैं सिख लेता हूँ.... सच कहे जब तुम्हारी याद आतीं हैं तो मैं कुछ न कुछ लिख लेता हूँ.... कभी कभी कइ बातों को सोच के मैं खुद को समझा भी लेता हूँ ... मगर जब तुम्हें देखने का दिल करता हैं मैं माहादेव मे भी तुम्हेे देख लेता हूँ .... जब कभी कमी मेहसुस होती हैं तुम्हारी मैं जिभर के रो भी लेता हूँ ..... जब खुस रहूँ तो साथ चाहू तुम्हारा,मगर क्या करू मै तुम्हें सोच के बस मुस्कुरा लेता हूँ ..... पर गम नहीं हैं तुम्हारे किसी बात का हमें क्योकी पन्नों की हर लाइनों में और कलम के शब्दों में तुम्हें खुद के अंदर समेट लेता हूँ........ #poetry #nojotopoetry #nojoto #nojoto #Hindi #datasetiqbal #mukeshpuniya #kavishala #all