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जन्म जन्मांतर ::::::::::::::::::::::::::: महेन्दी

जन्म जन्मांतर
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महेन्दी हीना की सजनी 
जब पहली बार
रची जब से कलाई में
तुम हमारे हुए
हम तुम्हारे हुए 
धीरे धीरे रंग जब फिकी हुई कलाई
तुम हम से दुखी हुई
हम तुम से दुखी हुए
हमने फिर महेन्दी रचाई
जब साल गिरोह की बेला आई
फिर रिस्ते मे जान आई
नन्ही सी कल जब अपने
घर आई
तुम दिया बने बिखरे
हम बाती बनकर निखरे

©Pahadi Shayar Jd
  #रिस्ता #शादी #बाते