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बंद आँखों से देखे हैं मैंने, कितने बड़े ख़्वाब त



बंद आँखों से देखे हैं मैंने,
कितने बड़े ख़्वाब तेरे,
सजाए हैं ना जाने, 
कितने अरमान इस दिल में। 

इस दिल को सिर्फ तेरी आरज़ू है,
और तेरी ही चाहत है, 
इसलिए वक़्त के आलम में, 
मैं तुझे कभी खोना नहीं चाहता। 

तुम्हारे साथ हूँ तो बहुत खुश हूंँ, 
गुज़ार रहा हूंँ जिंदगी के सुहाने लम्हें, 
हर एक पल में बस तुझे ही पा रहा हूंँ, 
और बुन रहा हूंँ मैं नए-नए ख़्वाब।

वादा न कर, ना दे कोई तोहफ़ा, 
क्योंकि वादा जब टूटेगा तो, 
इस दिल को दर्द बहुत होगा, 
और यह तोहफ़े मुझे जीने नहीं देंगे।

-Nitesh Prajapati (Niharsh)  ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1101 #collabwithकोराकाग़ज़

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊

♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा।

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।


बंद आँखों से देखे हैं मैंने,
कितने बड़े ख़्वाब तेरे,
सजाए हैं ना जाने, 
कितने अरमान इस दिल में। 

इस दिल को सिर्फ तेरी आरज़ू है,
और तेरी ही चाहत है, 
इसलिए वक़्त के आलम में, 
मैं तुझे कभी खोना नहीं चाहता। 

तुम्हारे साथ हूँ तो बहुत खुश हूंँ, 
गुज़ार रहा हूंँ जिंदगी के सुहाने लम्हें, 
हर एक पल में बस तुझे ही पा रहा हूंँ, 
और बुन रहा हूंँ मैं नए-नए ख़्वाब।

वादा न कर, ना दे कोई तोहफ़ा, 
क्योंकि वादा जब टूटेगा तो, 
इस दिल को दर्द बहुत होगा, 
और यह तोहफ़े मुझे जीने नहीं देंगे।

-Nitesh Prajapati (Niharsh)  ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1101 #collabwithकोराकाग़ज़

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