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लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 18 सो 65 को पंजाब

लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 18 सो 65 को पंजाब के मोगा जिले में हुआ था उन्होंने पंजाब केसरी भी कहा जाता है आज का दिवस उनके आदर्श और दृष्टिकोण का अनुसरण करने का अवसर है हम प्रेम लाला जी के आमरण मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी भ्रष्टाचार सरकार की कफन में कील का काम कर रही है उनके उद्घोष से करते हैं परंतु लालाजी ना केवल एक सच्चे देशभक्त हैं शिक्षा वादी लेखक आज यशवी वक्ता और सफल वकील आपूर्ति एक समर्पण थी समाज सुधारक भी थे समाज के कमजोर वर्ग मजदूरों और स्त्रियों के बारे में उन्होंने विशेष चिंता की थी उनका मानना था कि जब तक समाज का यह वर्ग सफल और सम्मान नहीं होगा राष्ट्रीय निर्माण का काम पूरा नहीं हो सकता भारतीय स्त्रियों के प्रति लाला जी के मन में एक विशेष सम्मान संवेदना और चिंता थी उनका मानना था कि भारतीय समाज में महिलाएं भारतीय सभ्यता संस्कृति और आदर्श और मूल के संरक्षण व संस्कारों को एक पीढ़ी से अलग पीढ़ी तक ले जाने का सशक्त माध्यम है समाज को उनके अधिकारी और सम्मान के प्रति पूर्व साग आज होना चाहिए एक हिंदू के लिए महिला एक लक्ष्मी है सरस्वती है और शक्तियों का प्रत्यक्ष रुप होता है वह सभी प्रकार की शक्ति सुंदरता और आशाओं का आधार होती है बताएं समाज के निर्माता है यदि उनका स्वयं का स्वास्थ्य ठीक नहीं होगा यदि वेबलिस्ट नहीं होंगी तो समाज से किसी प्रकार की बेहतरीन की उम्मीद नहीं की जा सकती एक राष्ट्रीय जो अपनी माताओं के बंधनों और उन पर होने वाले अत्याचारों को सहन करता है वह किसी भी क्षेत्र में प्रगति नहीं कर सकता

©Ek villain # लाला लाजपत राय और मृतशक्ति

#Memories
लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 18 सो 65 को पंजाब के मोगा जिले में हुआ था उन्होंने पंजाब केसरी भी कहा जाता है आज का दिवस उनके आदर्श और दृष्टिकोण का अनुसरण करने का अवसर है हम प्रेम लाला जी के आमरण मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी भ्रष्टाचार सरकार की कफन में कील का काम कर रही है उनके उद्घोष से करते हैं परंतु लालाजी ना केवल एक सच्चे देशभक्त हैं शिक्षा वादी लेखक आज यशवी वक्ता और सफल वकील आपूर्ति एक समर्पण थी समाज सुधारक भी थे समाज के कमजोर वर्ग मजदूरों और स्त्रियों के बारे में उन्होंने विशेष चिंता की थी उनका मानना था कि जब तक समाज का यह वर्ग सफल और सम्मान नहीं होगा राष्ट्रीय निर्माण का काम पूरा नहीं हो सकता भारतीय स्त्रियों के प्रति लाला जी के मन में एक विशेष सम्मान संवेदना और चिंता थी उनका मानना था कि भारतीय समाज में महिलाएं भारतीय सभ्यता संस्कृति और आदर्श और मूल के संरक्षण व संस्कारों को एक पीढ़ी से अलग पीढ़ी तक ले जाने का सशक्त माध्यम है समाज को उनके अधिकारी और सम्मान के प्रति पूर्व साग आज होना चाहिए एक हिंदू के लिए महिला एक लक्ष्मी है सरस्वती है और शक्तियों का प्रत्यक्ष रुप होता है वह सभी प्रकार की शक्ति सुंदरता और आशाओं का आधार होती है बताएं समाज के निर्माता है यदि उनका स्वयं का स्वास्थ्य ठीक नहीं होगा यदि वेबलिस्ट नहीं होंगी तो समाज से किसी प्रकार की बेहतरीन की उम्मीद नहीं की जा सकती एक राष्ट्रीय जो अपनी माताओं के बंधनों और उन पर होने वाले अत्याचारों को सहन करता है वह किसी भी क्षेत्र में प्रगति नहीं कर सकता

©Ek villain # लाला लाजपत राय और मृतशक्ति

#Memories
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Ek villain

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