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शोर भाने लगे हैं मुझे आजकल, बहुत सताती है ख़ामोशी

शोर भाने लगे हैं मुझे आजकल,
बहुत सताती है ख़ामोशी तेरी..
मैं तुझे भूलना तो चाहता हूं,
बहुत तड़पाती है मदहोशी तेरी..
मुझे मालूम है तू मेरा हो नहीं सकता कभी,
बहुत रुलाती है मुझे सरगोशी तेरी..
©H!N$@✍️ *सरगोशी - काना-फूंसी
शोर भाने लगे हैं मुझे आजकल,
बहुत सताती है ख़ामोशी तेरी..
मैं तुझे भूलना तो चाहता हूं,
बहुत तड़पाती है मदहोशी तेरी..
मुझे मालूम है तू मेरा हो नहीं सकता कभी,
बहुत रुलाती है मुझे सरगोशी तेरी..
©H!N$@✍️ *सरगोशी - काना-फूंसी
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